तुम्हारी आँखें हैं कि जादू का समंदर
Sunday, March 21, 2010
सेहरा सेहरा गुलशन की
सेहरा सेहरा गुलशन की उम्मीद करें
आओ खुद से इस फन की उम्मीद करें
जिनसे हर इक मौसम ने खेला है वो
पतझड़ में क्या सावन की उम्मीद करें
गैर हो लेकिन उस पल अपने हो जाना
तुमसे जब अपने पन की उम्मीद करें
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