तुम्हारी आँखें हैं कि जादू का समंदर
Saturday, October 30, 2010
सभी को पाँव के छाले दिखाता
सभी को पाँव के छाले दिखाता फिर रहा है अब
हमारे साथ चलने का उसे ये शौक़ ले डूबा
बहुत मजबूरियों में ज़िन्दगी कोई मिटाता है
मगर अखबार में लिक्खा था लड़का जान के डूबा
2 comments:
Sunil Kumar
said...
सच्चाई को वयां करती रचना , बधाई
October 30, 2010 at 5:54 AM
Patali-The-Village
said...
बुत अच्छी रचना| धन्यवाद|
October 30, 2010 at 7:06 AM
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2 comments:
सच्चाई को वयां करती रचना , बधाई
बुत अच्छी रचना| धन्यवाद|
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